मेरा प्रियतम

नीली नीली आँखों से मैं
देख रहा हूँ उसका चेहरा.....
लाल लाल होठों से मैं
गा रहा हूँ उसका गुणगान.....
वृन्दावन की हर प्राणी से मैं
पूछ रहा हूँ उसका पता.....
गोकुल के हर गोपियें के बीच में
दूँढ रहा हूँ मैं उसका चेहरा.....
फिर-भी मुझे नहीं मिली
सिर्फ तेरा पता.....
अब तुझसे मैं पूछना चाहता हूँ
सिर्फ एक ही प्रश्न
तुम क्यों छोड लिया तेरी प्रिय राधिका को
हर पल केलिए.....

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