"सिखायाके साथ संबंधस्थापित करता है, जोएकशिक्षक,वहउन्हें सिखातासेउन लोगों सेअधिकसीखता है,उन लोगों के साथएक हो जाता है.अपने चेलोंसेकुछ नहींसीखता हैवह जोबेकार,मेरी रायमें,है.मुझे लगता है मैंउसके पास सेजानने केलिए किसी के साथबात करते हैंजब भी.मैंउसके पास सेमैंउसेदेसे अधिक लेने केइस तरह,एकसच्चाशिक्षकअपने छात्रोंकेएकछात्रके रूप में खुदका संबंधयदि आप इसदृष्टिकोण के साथअपनेविद्यार्थियोंको पढ़ानेकरेंगे, तो आप"उन लोगों सेबहुतलाभ होगा. -.गांधीजी
मेरी माँ ईश्वर है मेरी माँ प्यार की मूर्ती रूप है इस दुनिया में आप से- बढकर कुछ नहीं है। माँ, आप मेरी रास्ते में दीपक के समान प्रकाश फैलाती है। आपका प्यार मैं कैसे भूल जा सकती हूँ।